मनोरंजक कथाएँ >> बच्चों की रोचक कहानियाँ बच्चों की रोचक कहानियाँमुकेश नादान
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बच्चों के लिए रोचक कहानियों का संग्रह...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
नगाड़े की आवाज
एक जंगल में एक सियार रहता था। कई दिन से भूखा रहने के कारण वह कमजोर हो
गया था। एक दिन उसने दूर जंगल में नगाड़ा बजने की आवाज सुनी। नगाड़े की
आवाज सियार के कानों में पहली बार पड़ी थी। इसलिए उसने सोचा कि हो सकता है
कि दूर कोई जानवर हो जिसे मारकर मैं अपनी भूख मिटा सकूँ।
यह सोचकर सियार उस ओर चल प़डा जिधर से नगाड़े की आवाज आ रही थी ।
भूख और कमजोरी के कारण सियार से चला नहीं जा रहा था, किन्तु मरता क्या न करता ! अतः वह झाड़ियों और काँटों के बीच से निकलता हुआ वहाँ जा पहुँचा।
सियार ने नगाड़े के पास जाकर देखा। नगाड़ा खून और माँस से सना हुआ था। क्योंकि कुछ समय पहले दो सेनाओं का युद्ध हुआ था। युद्ध समाप्ति के बाद वह नगाड़ा एक पेड़ की आड़ में पड़ा था, जिस पर सैनिकों के खून व माँस के चिथड़े लगे थे। पेड़ की टहनी हवा से हिलकर नगाड़े से टकराती थी तो नगाड़ा आवाज करने लगता था।
खून और माँस को देखकर सियार को लगा जैसे कोई पेट भरने की चीज उसके हाथ लगी हो। सियार कई दिनों से भूखा था। इसलिए कूदकर वह नगाड़े के ऊपर चढ़ गया और अपने तेज दाँतों से नगाडे पर बँधा चमड़ा काटने लगा।
यह सोचकर सियार उस ओर चल प़डा जिधर से नगाड़े की आवाज आ रही थी ।
भूख और कमजोरी के कारण सियार से चला नहीं जा रहा था, किन्तु मरता क्या न करता ! अतः वह झाड़ियों और काँटों के बीच से निकलता हुआ वहाँ जा पहुँचा।
सियार ने नगाड़े के पास जाकर देखा। नगाड़ा खून और माँस से सना हुआ था। क्योंकि कुछ समय पहले दो सेनाओं का युद्ध हुआ था। युद्ध समाप्ति के बाद वह नगाड़ा एक पेड़ की आड़ में पड़ा था, जिस पर सैनिकों के खून व माँस के चिथड़े लगे थे। पेड़ की टहनी हवा से हिलकर नगाड़े से टकराती थी तो नगाड़ा आवाज करने लगता था।
खून और माँस को देखकर सियार को लगा जैसे कोई पेट भरने की चीज उसके हाथ लगी हो। सियार कई दिनों से भूखा था। इसलिए कूदकर वह नगाड़े के ऊपर चढ़ गया और अपने तेज दाँतों से नगाडे पर बँधा चमड़ा काटने लगा।
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